
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मच्छर जनित वायरस ‘जिका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी है |डब्ल्यूएचओ प्रमुख मार्गरेट चान ने कहा है कि जन्म दोष में तेजी से बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार कहा जा रहा ‘जिका’ वायरस भयावह ढंग से फैल रहा है।जिका जन्म दोष और माइक्रोसेफली जैसी मस्तिष्क संबंधी विकारों के लिए जिम्मेदार है। माइक्रोसेफली के कारण बच्चे असामान्य रूप से छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं।
आइये जाने जिका वायरस के विषय में प्रमुख बातें |
- जिका वायरस फ्लाविवीरिडे (Flaviviridae) वायरस परिवार और फ्लाविवायरस (flavivirus) जीनस, का एक सदस्य है। जिका वायरस दिन के समय सक्रिय एडीज मच्छरों द्वारा प्रेषित होता है | मनुष्यों में इस वायरस को जिका बुखार, जिका, या जिका रोग के रूप में जाना जाता है |
- जिका वायरस सबसे पहले वैज्ञानिकों द्वारा युगांडा के जिका वन में अप्रैल 1947 में एक रीसस मकाक बंदर से पृथक किया गया | इस बुखार को 1952 में जिका वायरस के रूप में वर्णित किया गया था | यह वायरस मनुष्यों में 1968 में नाइजीरिया में पहली बार अलग किया गया था ।
- यह 1950 के दशक से ही अफ्रीका से एशिया तक एक संकीर्ण इक्वेटोरियल बेल्ट के भीतर फैलता है | वर्ष 2007 में पहली बार जिका वायरस अफ्रीका और एशिया के बाहर माइक्रोनेशिया के याप द्वीप समूह में पाया गया।
- 1951 से 1981 के मध्य, इस वायरस का प्रकोप मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मिस्र, गैबॉन, सिएरा लियोन, तंजानिया, युगांडा से लेकर भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम सहित एशिया के कुछ हिस्सों में पाया गया।
- वर्ष 2014 में, वायरस पूर्व की ओर प्रशांत महासागर के पार फ्रेंच पोलिनेशिया तक , उसके बाद ईस्टर द्वीप तक और 2015 में मैक्सिको, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, और दक्षिण अमेरिका, जहां जिका प्रकोप महामारी के स्तर तक पहुँच गया है।
सामान्य लक्षण और रोग
- वायरस से संक्रमण के आम लक्षण हल्के सिरदर्द, लाल चकत्ते, बुखार, बेचैनी, कंजाक्तिविटिस और जोड़ों में दर्द शामिल हैं |
- यह वायरस मुख्य रूप से बंदरों और इंसानों को प्रभावित करता हैं।
- Microcephally रोग के लिए भी यह उत्तरदायी होता है| इस रोग से दिमाग का विकास नहीं हो पाता|
- संक्रमित वयस्कों में तंत्रिका संबंधी अवस्था, जैसे की Guillain-Barre सिंड्रोम के लिए भी यह वायरस जिम्मेदार होना पाया गया है।
हस्तांतरण
- जिका वायरस - एडीज एजिप्टी मच्छर जो की दिन के समय में सक्रिय होते हैं से फैलता है| इसके अलावा यह वृक्षवासी मच्छरों जैसे की Aapicoargenteus, Afurcifer, A hensilli, A luteocephalus, और A vitattus से भी फैलता है|
- जिका वायरस यौन संपर्क के माध्यम से मनुष्यों के बीच विस्थापित हो सकता है | यह नाल पार कर एक अजन्मे भ्रूण को प्रभावित कर सकता । पहले से ही प्रसव के समय के निकट एक माँ जिका वायरस उसके नवजात शिशु को पारित कर सकती हैं, लेकिन यह दुर्लभ है।
रोकथाम व् उपचार
- इसके रोकथाम के लिए कोई टीका या दवा उपलब्ध नहीं है।
- इसका इलाज आराम करके , तरल पदार्थ खा कर और पेरासिटामोल की दावा ले कर किया जा सकता है,
- एस्पिरिन और अन्य गैर स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाओं का इस्तेमाल तभी होता है जब डेंगू की संभावना से इनकार कर दिया गया है ऐसा रक्तस्राव के जोखिम को कम करने के लिए करते हैं।
टीका विकास
- एंथोनी फौकी जो की एलर्जी और संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक हैं के अनुसार जिका वायरस के लिए टीका विकसित करने की दिशा में काम शुरू हो गया है